Free Electricity Scheme: देश में मुफ्त बिजली की राजनीति ने हाल के वर्षों में जोर पकड़ा है. राज्यों द्वारा मुफ्त बिजली देने की योजनाओं के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना (PM Solar Ghar-MBY) के क्रियान्वयन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. जब लोगों को 100-200 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध हो रही है, तो वे सोलर पैनल लगाने जैसे कदम उठाने से हिचकिचा रहे हैं.
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) इन चिंताओं को दूर करने और राज्यों को समझाने में जुटा है कि यह योजना वित्तीय स्थिरता और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने का एक प्रभावी साधन हो सकती है.
फरवरी 2024 में लॉन्च हुई थी योजना
पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना को फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था.
- अगले तीन वर्षों में एक करोड़ घरों को इस योजना से जोड़ना.
- अब तक केवल 6.5 लाख घरों को इस योजना का लाभ मिला है.
- 45% योगदान के साथ गुजरात सबसे आगे है, जबकि महाराष्ट्र का योगदान 21% है.
- हालांकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों की हिस्सेदारी बहुत कम है.
योजना का उद्देश्य और लाभ
पीएम सूर्य घर योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- सौर ऊर्जा से हर घर को रोशन करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना.
- छत पर सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त की जा सकती है.
- योजना के तहत देश में 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन केवल घरों की छत पर लगे सोलर पैनल से संभव है.
योजना में धीमी प्रगति के कारण
योजना की धीमी प्रगति के पीछे कई कारण हैं:
- राज्यों में मुफ्त बिजली की योजनाओं के चलते लोग सौर ऊर्जा अपनाने को प्राथमिकता नहीं दे रहे.
- योजना में प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता है. जबकि सब्सिडी के भुगतान में देरी लोगों को हतोत्साहित करती है.
- दूरदराज के क्षेत्रों में इस योजना के बारे में जागरूकता का अभाव है.
- बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और ग्राहकों के बीच संवाद की कमी भी एक बड़ी अड़चन है.
योजना को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदम
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) योजना की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई सुधार कर रहा है:
- अब सब्सिडी 10 दिनों के भीतर भुगतान की जा रही है, जिसे घटाकर 5-7 दिन करने की योजना है.
- जून 2024 तक 6,913 वेंडर थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 10,313 हो गई है.
- योजना के सफल लाभार्थियों को ब्रांड एंबेसडर बनाकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
- दूरदराज के डिस्कॉम को योजना की जानकारी देकर उनकी भूमिका को मजबूत किया जा रहा है.
योजना के तहत सब्सिडी और वित्तीय सहायता
पीएम सूर्य घर योजना में छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रारंभिक राशि का कुछ हिस्सा लाभार्थी को स्वयं वहन करना पड़ता है.
- राज्य सरकारें योजना के तहत सब्सिडी प्रदान करती हैं.
- अब सब्सिडी के भुगतान में देरी को दूर कर दिया गया है. जिससे लोग योजना का लाभ जल्दी उठा सकते हैं.
प्रमुख राज्यों की भूमिका और चुनौतियां
योजना के तहत गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों की हिस्सेदारी बेहद कम है.
- उत्तर प्रदेश: 8% हिस्सेदारी.
- मध्य प्रदेश और राजस्थान: केवल 3% हिस्सेदारी.
यह कमी स्थानीय प्रशासन की धीमी कार्यशैली और जागरूकता की कमी के कारण हो सकती है.
योजना को अपनाने के फायदे
- सोलर पैनल लगाने से बिजली का खर्च लंबे समय तक कम हो जाता है.
- स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है.
- घरेलू स्तर पर बिजली उत्पादन से ग्रिड पर निर्भरता कम होती है.
योजना को बढ़ावा देने के सुझाव
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस योजना के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए.
- सोलर पैनल लगाने और सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाए.
- पंचायत और नगर निगमों को इस योजना में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.